क्या है मुहांसे?
आज हम अपना ध्यान त्वचा की एक आम समस्या – मुंहासे की ओर ले चलते हैं.
एक्ने वल्गैरिस, जिसे हम बोलचाल की भाषा में मुहांसे के नाम से जानते हैं, दरअसल बाल और तेल की ग्रंथियों में जलन–सूजन की समस्या है. ये आमतौर पर किशोरावस्था या यौवन आने पर नज़र आते हैं जब हॉर्मोन के प्रभाव में तेल की ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं. वैसे, मुंहासे सिर्फ किशोरों की समस्या नहीं है, कई वयस्क भी इससे परेशान रहते हैं.
मुंहासे महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को ज़्यादा परेशान करते हैं जिसकी वजह है पुरुष हॉरमोन एंड्रोजेन. जेनेटिक या आनुवांशिक कारक भी इस समस्या में रोल अदा करते हैं – अगर आपके परिवार में मुंहासे की समस्या रही है तो आपको भी होने की संभावना बढ़ जाती है
मुहांसों की वजह क्या है ?
मुंहासे तेल की ग्रंथियों की सक्रियता और हॉर्मोन्स के प्रभाव बढ़ने पर होते हैं जिसकी वजह से त्वचा पर सूजन हो जाती है. जवानी आने पर हॉर्मोन में उछाल आने की वजह से ये किशोरों में आम समस्या है.
कुछ कारण जिनकी वजह से मंहासे की समस्या बढ़ सकती है–
- गरम और नमी वाला मौसम
- तेल या भारी क्रीम, खासकर मुंहासो की समस्या से परेशान रहने वाले लोगों के लिए
- तनाव
- खानपान. ज्यादा कार्बोहाइड्रेट, चॉकलेट या तली चीज़ें खाने से जिसमें ग्लाइसेमिक तत्व ज़्यादा होते हैं
- पीसीओएस (ओवरी में कई सारे गांठ की समस्या) – महिलाओं में इसकी वजह से हॉर्मोन के प्रभाव पर मुंहासो की समस्या पैदा हो जाती है
मुंहासो के प्रकार
मुंहासे आमतौर पर वहां होते हैं जहां तेल के ग्रंथि ज़्यादा हैं, जैसे चेहरा, सीना, पीठ, कंधा और उपरी बांहों पर.
मुंहासो की चार श्रेणियां होती हैं
- ग्रेड एक – सफेद और काले कीलों के साथ कभी–कभार लाल फुंसिया नजर आती हैं
- ग्रेड दो – ग्रेड एक के जैसा ही, लेकिन इन लाल फुंसियों की संख्या अधिक होती है और इनमें से कुछ में मवाद भरा होता है
- ग्रेड तीन – ग्रेड दो के जैसा ही, लेकिन काफी फुंसियों में मवाद भरा होता है, और गांठ भी नज़र आते हैं जिन्हें छूने पर लगता है कि वो त्वचा के काफी भीतर जम गए हैं
- ग्रेड चार – गांठ और फोड़ों के साथ–साथ त्वचा पर दाग और निशान भी दिखते हैं
ग्रेड तीन और चार मुंहासे के गंभीर प्रकार माने जाते हैं.
क्या मुंहासों का इलाज ज़रूरी है, या खुद ही ठीक हो जाते हैं?
मुंहासे आपकी सुंदरता पर प्रभाव डालते हैं लेकिन ये सिर्फ दिखने तक ही सीमित नहीं है.
ये त्वचा पर जलन–सूजन की समस्या है जिसका असर हॉर्मोन और मेटाबोलिज़्म यानी चयापचय पर भी पड़ता है. समय पर इसका इलाज नहीं होने से त्वचा पर दाग पड़ने और रंग खराब होने की समस्या हो सकती है जिसे बाद में बदलना असंभव हो जाता है.
हालांकि मुंहासे आम–तौर पर बीस–बाईस की उम्र के आसपास खुद ही अपना प्रभाव रोक लेते हैं, लकिन फिर भी इसका कारण जानना और इलाज कराना ज़रूरी है ताकि दाग से और रंग खराब होने से, और वयस्क होने पर मुंहासो से बचा जा सके.
मुंहासे का इलाज कैसे करें
मुंहासो पर इस सीरीज़ की दूसरी कड़ी में हम इसके इलाज के कुछ आम तरीकों पर चर्चा करेंगे.
लेकिन याद रखिएगा कि मुंहासो का इलाज सिर्फ त्वचा–विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें.
रीमेडको के साथ आप बिना क्लिनिक गए किसी त्वचा–विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं. बाल और त्वचा की समस्याओं के लिए हमारी सर्विस सबसे तेज़ और आसान भी है.
पिछले ब्लॉग में हमने जानने के कोशिश की थी कि मुंहासों के कारण क्या होते हैं और किस हद तक ये हमपर असर डाल सकते हैं. मुंहासों के कारण हर किसी के लिए अलग–अलग हो सकते हैं इसलिए ये भी ज़रूरी है कि इसका इलाज भी आपकी त्वचा और जीवनशैली की परख करने के बाद ही हो.
इस ब्लॉग में हमारे त्वचा विशेषज्ञ मुंहासों के इलाज पर कुछ आम सवाल का जवाब दे रहे हैं.
चेहरा धोने से किस तरह मुंहासों पर असर पड़ता है?
कभी–कभी सिर्फ सही फेसवॉश से चेहरा धोने से मदद मिल सकती है, खासकर युवाओं को और ऐसे लोगोंको जो शारीरिक गतिविधियों में व्यस्त रहते है. तैलीय त्वचा को बार–बार धोने की ज़रूरत पड़ती है क्योंकि जल्दी ही तेल जमा हो जाता है.
आमतौर पर सख्ती से रगड़ कर साफ करने की ज़रूरत नहीं पड़ती और ऐसा करने से जलन की स्थिति और गंभीर हो सकती है. त्वचा के हिसाब से सही फेसवॉस से दिन में कम से कम दो बार हल्के हाथों से चेहरा धोना काफी हो सकता है, खासकर तब जब आप लगातार पसीना बहा रहे हैं और कसरत कर रहे हैं.
मॉयस्चराईज़र लगाया जाए या नहीं
मुंहासों के फेसवॉश से कभी त्वचा रूखी भी हो जाती है. ऐसे में ये ध्यान रखना ज़रूरी है कि त्वचा को तैलीय मॉयस्चराईज़र से न भर दिया जाए जिससे त्वचा–छिद्र बंद हो जाए और समस्या ज़्यादा गंभीर हो जाए.
ज़रूरी है कि हल्का नमी पैदा करने वाले “गैर–कोमेडोजेनिक” यानी मुंहासे बनाने के विरोधी मॉइसचराईज़र चुना जाए.
इसी तरह मैट फॉर्म का सन–स्क्रीन क्रीम बेहतर होता है जो
सूरज से रक्षा भी करता है और क्रीम के जमाव को भी रोकता है. ये ज़रूरी है कि आप सुनिश्चित करें कि सही प्रॉडक्ट इस्तेमाल करने के बारे में सही सलाह आपको किसी योग्य त्वचा विशेषज्ञ से मिले.
क्या खान–पान और जीवनशैली से मुंहासो पर असर पड़ता है
हालिया शोध से पता चलता है कि हम क्या खाते हैं, वो कैसे पचाया जाता है, और हमारी जीवनशैली का मुंहासों से सीधा रिश्ता है.
क्योंकि मुंहासों का हॉर्मोन से संबंध होता है इसलिए वो हमारे डाइट और मेटाबोलिज़्म से प्रभावित होता है. वयस्कों के मुंहासे पूरी तरह से हॉर्मोन की वजह से होते हैं और काफी हद तक जीवनशैली की वजह से होते है. पीसीओएस (ओवरी में बहुग्रंथीय पुटि के लक्षण) का इलाज बेहद महत्वपूर्ण है – वयस्कों में मुंहासे का ये बड़ा कारण है.
खाने पर लगाम लगाने और कसरत करने से भी मदद मिलेगी.
अगर इस तरह से मुंहासे खत्म नहीं होते तो हॉर्मोन की जांच कराना आवश्यक हो जाता है, खासतर तब जब आप महिला हैं और मुंहासो के साथ–साथ आपको अनियमित मासिक धर्म, मोटापा और चेहरे पर बाल आने की समस्या भी है.
किस तरह का चिकित्सा और उपचार कराना चाहिए
मुंहासों का उपचार या तो लगाने वाली दवाईयां जैसे क्रीम, लोशन आदि, या फिर खाने वाली गोलियां से होता है.
मुंहासे की श्रेणी और इसकी गंभीरता को देखते हुए एक या अधिक उपचार की विधि अपनाई जा सकती है.
हल्के मुंहासे, जिसमें सिर्फ काले और सफेद कील या फिर छिद्रों में जमाव की समस्या होती है, का इलाज त्वचा पर लगाने वाले क्रीम से हो सकता है. इसका उपचार ‘बैक्टिरियोस्टैटिक और एंटी–कॉमेडोजेनिक’ एजेंट जैसे बेंज़ॉइल पेरोक्साइड, सैलिसिलिक एसिड, और लगाने वाले रेटिनॉयड्स से हो सकता है.
मध्यम श्रेणी के मुंहासे का इलाज लगानेवाले एंटीबायोटिक्स जैसे क्लिंडामाइसिन, डैपसोन और बेंजॉयल पेरोक्साइड से किया जा सकता हैं.
- मध्यम से गंभीर मुंहासों के इलाज में इनके साथ खाने वाले एंटीबायोटिक्स जैसे एज़िथ्रोमाइसिन, डॉक्सिसाइक्लिन और माइनोसाक्लिन भी दिया जाता है
- अति गंभीर गांठ वाले मुंहासों का इलाज लंबे समय तक चलने वाले एंटीबायोटिक्स या/और काने वाले रेटिनॉयड्स से किया जा सकता है. इसके इलाज में कुछ अन्य विधियां जैसे गांठ की सफाई, स्टेरॉयड के इंजेक्शन या मुंहासों की सर्जरी की भी ज़रूरत पड़ सकती है.
इसके अलावा केमिकल पील, लेज़र और रौशनी का उपयोग इलाज के अलग चरण पर किया जा सकता है जिससे बेहतर उपचार संभव हो सके.
ये जानना ज़रूरी है कि आप कभी भी स्वंय का इलाज न करें. सिर्फ वहीं दवाईयां या इलाज ले जिसकी सलाह त्वचा विशेषज्ञ ने दी है.
अपने मुंहासे को बेहतर समझने के लिए और अपने लिए खास ट्रीटमेंट प्लान लेने के लिए आप इसी वक्त प्रमाणित त्वचा विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं, कहीं से भी, सिर्फ अपने स्मार्ट फोन के ज़रिए!

